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(Mussoorie) मसूरी उत्तराखंड – पहाड़ों की रानी | 10 Best Place to Visit in Mussoorie | 2024

(Mussoorie) मसूरी उत्तराखंड – पहाड़ों की रानी | 10 Best Place to Visit in Mussoorie | 2024

Mussoorie उत्तराखंड – पहाड़ों की रानी | Mussoorie Visiting places in Hindi | Mussoorie Uttarakhand – The Queen of Hills – 2023

आप ने Mussoorie के बारे में कभी न कभी तो जरूर सुना होगा। पहाड़ो की रानी के नाम से मशहूर Mussoorie उत्तराखंड का एक पर्वतीय नगर है। यह समुद्र तल से 2005 मी की ऊंचाई पर स्थित है। मसूरी उत्तर-पूर्व में बर्फ की विशाल श्रंखला एवं दक्षिण में दून घाटी एवं शिवालिक पर्वतमाला के शानदार दृश्य दिखाई देते है।

यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 40 किमी की दूरी पर स्थित है, यह एक बड़ा ही सुन्दर व रोमांटिक स्थल है, और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, मसूरी हिल स्टेशन हमेशा से ही लोगों का पसंदीदा स्थान रहा है। एक बार जाने के बाद आप यहां बार-बार आते हैं, एक बार आने के बाद यहां की वादियां आपके दिलों को छू जाती है।

देहरादून जिले में और भी कई Famous hill station जैसे धनोल्टी, चकराता आदि है, लेकिन मसूरी राजधानी देहरादून पास होने के कारण यहां अन्य की तुलना में ज्यादा पर्यटक घूमने आते है।

मसूरी की खोज व इतिहास (Mussoorie discovery and history in Hindi)

मसूरी को सन 1827 में ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी कैप्टेन यंग ने खोजा था। वह अपने कुछ साथियो के साथ पर्वतरोहण के लिए यहां तक पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उनको दून घाटियों के सुन्दर नज़ारे दिखाई दिए। यहां का सुहाना मौसम उनको बेहद पसंद आया और उन्हें यह जगह गर्मियों में छुट्टियां बिताने के लिए सबसे बेहतरीन जगह लगी।

उसके बाद गर्मियों में वे लोग अक्सर यहां आने लगे। उन्होंने यहां पाया कि यहाँ पर मसूर के पौधे बहुत ज्यादा थे, इसीलिए उन्होंने इस जगह का नाम Mussoorie रखा। उस समय तक मसूरी एक निर्जन पहाड़ हुआ करता था। और 1828 में अंग्रेजो ने लंढोर में अपना पहला भवन बनवाया। 1829 में लॉरेंस ने लंढोर बाजार में अपनी पहली दुकान खोली।

अंग्रेजो द्वारा बसाये गए अन्य शहरों की तरह यहां भी एक मॉल रोड है। कहा जाता है कि अंग्रेजो के समय इस रोड पर भारतीयों और कुत्तों का जाना मना था। यह अंग्रेजो के घूमने की सड़क थी। इसके बाद अंग्रेज सर्वेयर जॉर्ज एवेरेस्ट को भी यह जगह बेहद पसंद आयी और उन्होंने 1832 में यहां पर अपना घर बनवाया। उनका यह घर आज भी यहां मौजूद है। यहां जॉन मैकनन द्वारा मसूरी सेमनरी के नाम से पहला पब्लिक स्कूल खोला गया।

1890 तक हरिद्वार से देहरादून तक रेलमार्ग का निर्माण हुआ तो मसूरी में भी लोगों की भीड़ बढ़ने लगी, और 1901 तक मसूरी की आबादी लगभग 4500 हो गयी। जिसमे लगभग 80 प्रतिशत अंग्रेज थे। 1926 से 1931 तक मसूरी तक पक्की सड़क बनने से यहां आने वाले लोगों की भीड़ और बढ़ने लगी।

Mussoorie Distance Chart

Distance from Dehradun to Mussoorie35 km
 Distance from New Delhi to Mussoorie275km
Distance from Chakrata to Mussoorie90 km

मसूरी के प्रमुख पर्यटन स्थल (Place to visitin Mussoorie in hindi)

मॉल रोड (Mall Road Mussoorie in Hindi)

मॉल रोड मसूरी में शॉपिंग का मुख्य केंद्र है। जहां से पर्यटक हर तरह के सामान की खरीदारी कर सकते है। मॉल रोड पर मसूरी में दुकानों के साथ साथ कहीं होटल भी मौजूद है। मॉल रोड को मसूरी में शॉपिंग स्ट्रीट के नाम से जाता है।

हैप्पी वेली (happy valley Mussoorie in Hindi)

वेली लिब्रेरी पॉइंट के पश्चिम में और क्लाउड एन्ड के अंतिम में स्थित है। यह वेली यह वेली अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए उल्लेखनीय है। इसके अलावा यहां पर  लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक (आईएएस) अकादमी और म्युनिसिपल गार्डन और तिब्बती मंदिर जैसे पर्यटक स्थल है।

ज्वाला देवी मंदिर (Jawala Devi Temple Mussoorie in Hindi)

समुद्र तल से यह मंदिर लगभग 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।  यह मंदिर मसूरी का धार्मिक केंद्र है यह मंदिर हिन्दू धर्म की देवी दुर्गा माता को समर्पित है यहां पर दुर्गा माता की पत्थर से बानी मूर्ति रखी गयी है। श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने के अलावा एक तरफ यमुना घाटी और दूसरी और शिवालिक पर्वतमाला के आकर्षित दृश्यों का आनंद उठा सकते है यह मंदिर मसूरी से 9 किमी की दुरी पर स्थित है।

क्राइस्ट चर्च (Christ Church Mussoorie in Hindi)

इस चर्च की स्थापना सन 1868 में अंग्रजो के द्वारा की गयी थी। इस चर्च को हिमालय बेल्ट में स्थित सबसे पुराना चर्च माना जाता है। यहां पर देवदार का एक पेड़ देखने लायक है जिसे वेल्स की राजकुमारी द्वारा सन 1906 ईसवी में लगाया गया था। यह चर्च कौथिक स्थापत्य शैली में बनाया गया है। जिसका भीतरी हिस्सा काफी खूबसूरत है।

मसूरी झील (Mussoorie Lekh in Hindi)

यह जगह मसूरी में स्थित एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है। जिसे हाल ही में मसूरी सिटी बोर्ड द्वारा विकसित किया गया है। पर्यटक यहां पर नौकायन का लुत्फ़ उठा सकते है। साथ ही में यहां से दून घाटी व सुन्दर आसपास के पहाड़ी गॉवो का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह झील मसूरी देहरादून रोड पर स्थित है।

धनौल्टी (Dhanolti in Hindi)

समुद्र तल से लगभग 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। अपने शांत व स्वच्छ वातारण के लिए प्रसिद्ध यह जगह चम्बा-मसूरी मार्ग पर स्थित है। जो मसूरी से लगभग 25 किमी की दुरी पर स्थित है। यहां से आप दून घाटी के सुन्दर नजरों का मजा ले सकते है।  इसके अलावा यहाँ पर देखने लायक यहां पर देवदार के वनों से घिरा हुआ इको पार्क भी है।

कैमल बैक रोड (Camels Back Road)

जैसा की नाम से ज्ञात हो रहा है कि कैमल्स (यानि ऊंट) बैक रोड। यह रोड आकर में ऊंट की आकृति के समान बनी हुई है। जो पूरी तरह से पत्थर से बनी हुई है। यह कुलरी बाजार से लाइब्रेरी चौक तक तीन किमी लम्बी है। इस सड़क से गुजरते समय घाटी घाटी के अद्भुत दृश्य व पहाड़ो के सुन्दर नज़ारे देखने को मिलते है। यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बिख्यात है। यही कारण है कि यह जगह फोटो व सेल्फी के लिए आदर्श मानी जाती है।

गन हिल (Gun hill in Hindi)

समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह मसूरी की एक विख्यात पर्यटन स्थल है। जो लालटिब्बा के बाद मसूरी का सबसे ऊँचे  बिंदु में से एक है। कहा जाता है कि ब्रिटिश समय में यहां पर अँधाधुंध फायरिंग हुई थी। यही कारण है कि इस जगह को गन हिल के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में इसी पहाड़ी पर मसूरी का जलाशय स्थित है। यहां पर एक मॉल भी है, जो मसूरी का एक प्रसिद्ध शॉपिंग सेंटर है।

केम्पटी फॉल (Kempty falls in Hindi)

Kempti Falls समुद्र तल से लगभग 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह एक खूबसूरत झरना है। जो मसूरी के प्रमुख स्थलों में से एक एक है। यहां लगभग 40 फिट की ऊंचाई से गिरता है। 1835 के आसपास ब्रिटिश अधिकारी जॉन मेक्नॉन द्वारा इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया था। और यहां अंग्रेज अधिकारी चाय पार्टी किया करते थे। कैंपटी दो शब्दों से मिलकर बना है कैंप और टी। इसीलिए इस जगह का नाम कैंप टी  यानि कैम्पटी रख दिया गया। आज वर्ष भर में यहां लाखों पर्यटक यहां घूमने आते है।

लाल टिब्बा (Lal Tibba View Point)

लाल टिब्बा को डिपो हिल के नाम से भी जाना जाता है। यह मसूरी का सबसे ऊँचा बिंदु है। यह मसूरी के लंढोर में पड़ता है। इस जगह से सूर्योदय व सूर्यास्त का नजारा देखने लायक है। यही से विंटर लाइन की घटना भी देखी जाती है। पर्यटकों को अद्भुत दृश्य प्रदान करने के लिए नगरपालिका द्वारा बड़े दूरबीन लगवाए गए है। यहां से केदारनाथ बद्रीनाथ बन्दरपूँछ का परिदृश्य देखा जा सकता है।

जॉर्ज एवरेस्ट व्यू पॉइंट (George Everest view point Mussoorie)

यहां जाने का रास्ता बहुत ख़राब है, आपको यहां जाने के लिए किसी एसयूवी कार या दो पहिया वाहन की आवश्यकता पड़ेगी है। यदि आप छोटी कार यहां लेकर जाते हो तो निश्चित रूप से आपकी कार को वहां से वापस आने दिक्कत का सामना करना पढ़ सकता है। लेकिन वह जगह इतनी खूबसूरत है कि यहाँ पहुंचकर नज़ारे देखकर आपका दिल काफी खुश हो जायेगा। यह मसूरी के आसपास की सबसे ऊँची पहाड़ी है, इसीलिए यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा भी आपको रोमांचित कर देगा। यहां आप एक बार जरूर जाएं। लोग यहां ट्रेकिंग का आनंद भी ले सकते हैं।

Mussoorie Uttarakhand weather

मसूरी में पुरे साल भर में मौसम ठंडा रहता है। यहां का अधिकतम तापमान 25 एवं न्यूनतम तापमान -5 तक हो सकता है। साल भर ठंडा मौसम होने के कारण यहां गर्मियों में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते है।

मसूरी में कैसे पहुँचे (How to reach Mussoorie)

मसूरी पहुँचने के लिए आप हवाई, रेल व सड़क द्वारा आ सकते है। नजदीकी हवाई अड्डा जॉलीग्रांट देहरादून जो यहां से 60 किमी की दुरी पर स्थित है, जौलीग्रांट से आप टेक्सी द्वारा मसूरी पहुँच सकते है। नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून 35 किमी दूर है जहाँ से टेक्सी व बस द्वारा मसूरी पहुँच सकते है। सड़क मार्ग से मसूरी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है यहां तक काफी अच्छी सड़के बनी हुई है। आप अपनी व्यक्तिगत गाड़ी व बस या टेक्सी से यहां पहुँच सकते है।

GOOGLE MAP MUSSOORIE UTTARAKHAND

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